गाड़ी का पता नहीं, कट गया 17500 का चालान…RTO के फरमान से इस शख्स के उड़े होश

जमुई:- जरा सोचिए, कोई गाड़ी पिछले छह महीने से खड़ी हो और थोड़ी भी चली नहीं हो. लेकिन उसके मालिक के फोन पर चालान कटने का मैसेज आ जाए और चालान भी कोई ऐसा-वैसा नहीं, साढ़े सत्रह हजार का चालान कटे. ऐसा ही एक मामला जमुई जिले से सामने आया है, जहां परिवहन विभाग ने एक गाड़ी मालिक को साढ़े सत्रह हजार रुपए का चालान भेजा है. लेकिन परिवहन विभाग ने जिस गाड़ी पर चालान भेजा, वह बीते पांच महीनों से बरहट थाना में जप्त है.

अब उसी गाड़ी मालिक पर विभाग ने बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने, प्रदूषण, और आदेश की अवज्ञा करने के मामले में 17 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगा दिया है. बड़ा सवाल यह है कि जब गाड़ी थाने में जप्त थी, तो परिवहन विभाग ने कैसे उस पर जुर्माना लगाया? क्या डीटीओ ने बिना सत्यता के चालान भेज दिया. अगर गाड़ी थाने में ही थी, तो जुर्माना कैसे लगाया गया? इसके अलावा सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या पुलिस ने जब्त गाड़ी का इस्तेमाल किया है और उन्होंने ट्रैफिक का उल्लंघन किया है.

फोन पर आया चालान कटने का मैसेज, उठे कई सवाल
दरअसल उक्त गाड़ी जिले के बरहट थाना क्षेत्र के लकरा गांव के एक शख्स की है, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया था. पुलिस ने एक मामले में साक्ष्य के आधार पर उस गाड़ी को जब्त किया था और उसके मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया था. करीब 3 महीने के बाद उसके मालिक को कोर्ट के द्वारा जमानत दे दी गई. लेकिन पुलिस ने अभी तक उस गाड़ी को रिहा नहीं किया. इसी बीच जब गाड़ी का मालिक जेल से छूटकर घर आया, उसके कुछ दिनों के बाद उसके फोन पर चालान कटने का मैसेज आया. इसमें यह बताया गया है कि उसकी गाड़ी के चालक का लाइसेंस नहीं होने, जांच अधिकारी से बहस करने और इंश्योरेंस फेल होने के कारण 17 हजार 500 का चालान लगाया गया है तथा वाहन मालिक को तय समय में चालान भरने का भी निर्देश दिया गया है.

डीटीओ ने कहा कि बिल्कुल सही है चालान
इस बारे में जमुई अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीश सुमन ने कहा कि जहां तक जप्त गाड़ी को पुलिस के द्वारा इस्तेमाल करने का सवाल है, तो यह नामुमकिन है. जिस वक्त गाड़ी पर चालान किया गया है, उस वक्त वह गाड़ी थाना परिसर में ही खड़ी थी और उसका सीसीटीवी फुटेज भी हमारे पास मौजूद है. परिवहन विभाग ने किस आधार पर इस गाड़ी पर चालान किया है, यह वही बता सकते हैं. वहीं जमुई जिला परिवहन पदाधिकारी इरफान आलम ने कहा कि गाड़ी पर जो चालान किया गया, वह बिल्कुल सही है. उन्होंने कहा कि जब भी कोई गाड़ी जप्त होती है और उसके मालिक के द्वारा उसकी रिहाई को लेकर न्यायालय में आवेदन किया जाता है, तब कोर्ट के द्वारा गाड़ी के ऊपर सभी तरह के चालान की जानकारी मांगी जाती है, जिसके बाद यह चालान किया जाता है. बहरहाल थाने में खड़ी गाड़ी पर परिवहन विभाग के द्वारा चालान भेजे जाने के बाद यह मामला जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.

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Source – News18