जज्बे को सलाम,दोनों हाथ नहीं, पैरों से कर लेती सारे काम, देख हो जाएंगे हैरान

आकाश निषाद / जबलपुर:मंजिल उन्हीं को मिलती है. जिनके सपनों में जान होती है. पंखों से कुछ नहीं होता है. हौसलों से उड़ान होती है. यह साबित कर दिखाया है. जबलपुर की दिव्यांग भवानी यादव ने दरअसल भवानी एक दिव्यांग स्टूडेंट है. जिनके दोनों हाथ नहीं है. आप सोच रहे होंगे. जब दोनों ही हाथ नहीं है.भवानी का जीवन कैसा ही होगा?.लेकिन भवानी के कारनामे को देख आप दांतों तले अंगुली दबा लेंगे.

दिव्यांग स्टूडेंट भवानी यादव के जन्म से ही दोनों हाथ नहीं है. जिसके चलते भवानी अपना सारा काम दोनों पैर से ही कर लेती हैं. शायद आपको हैरानी होगी कि हाथ के काम पैरों से कैसे किए जा सकते हैं. लेकिन यहीं सच है. हालांकि इस बात पर कोई भी आसानी से भरोसा नहीं करता. भवानी अपने सारे काम पैर से ही बिना किसी मदद के पूरा करती हैं. फिर यूं कहा जाएं भवानी के हाथ बिल्कुल पैर की तरह ही है. शायद यही कला भवानी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहीं है.

घर की इकलौती बेटी
भवानी यादव माता-पिता की शान और घर की इकलौती बेटी है. यहां मां ग्रहणी है. वहीं पिता एक निजी कंपनी में ड्राइवर हैं. परिवार किराए के घर में रहता हैं. लेकिन विपरीत परिस्थितियों के बाद भी मां-बाप ने अपनी बेटी का साथ नहीं छोड़ा और बेटी इसी बात पर खरी उतरी और अपने जीवन की बुलंदियों को धीरे-धीरे छूती जा रही है. भवानी की मां रानी यादव ने बताया कि बचपन से हाथ न होने कारण थोड़ी टेंशन थी. लेकिन भवानी को पैर से ही धीरे-धीरे पेंसिल पड़कर लिखना सिखाया. न सीखने पर फटकार भी लगाई. लेकिन भवानी सारी उम्मीदों पर खरा उतरी और लिखना सीख लिया. इसके बाद हमारी उम्मीद जागी.

एडमिशन के दौरान मना कर देते थे स्कूल संचालक
भवानी की मां ने बताया जब बेटी भवानी को लेकर एडमिशन कराने जाती थी. स्कूल संचालक यही प्रश्न करते थे. आखिर आपकी बेटी कैसे पढ़ेगी और लिखेगी. कुछ स्कूलों ने मना भी किया. निराशा हाथ लगी. हमने हौसला नहीं हारा. इसी की बदौलत भवानी ने अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. अब भवानी 24 साल की हो गई है. जिसके लिए घर में रिश्ते भी आना शुरू हो गए हैं. लेकिन, भवानी का कहना है कि जब तक मैं अच्छी नौकरी नहीं करती. तब तक शादी नहीं करूंगी.

लोकल 18 से सांझा किया अपना सफर
भवानी यादव ने लोकल 18 से कहा कि पहली से आठवीं तक हिंदी मीडियम फिर 9th से इंग्लिश मीडियम में एडमिशन लिया. हमेशा फर्स्ट डिवीजन आई. 12th के बाद मैथ्स साइंस लेकर पढ़ाई पढ़ाई को आगे बढ़ाया. ग्रेजुएशन के लिए बीटेक में एडमिशन लिया. फिलहाल अभी M. tech कर रही हैं. इस दौरान उन्होंने अपनी सारी परीक्षा फर्स्ट डिवीजन से पास की. दिव्यांग होने के कारण परीक्षा में अतिरिक्त समय भी मिलता था. आंसर कॉपी में लिखने के लिए राइटर भी. आज तक राइटर भी नहीं लिया. क्योंकि भवानी का कहना था जब मैं अपने काम स्वयं कर सकती हूं. मुझे मदद लेने की आवश्यकता ही क्यों है?.

पैर से खोला फेविकोल का ढक्कन
लोकल 18 की मुलाकात दिव्यांग भवानी यादव से जबलपुर के नगर निगम में हुई. यहां नगर निगम में हो रही दिव्यांगों की विशेष भर्ती के लिए भवानी अपनी मां के साथ पहुंची हुई थी. भवानी ने नगर निगम के सहायक राजस्व निरीक्षक की पोस्ट के लिए अप्लाई किया. उन्होंने खुद ही फॉर्म भरा है. आखिर फॉर्म भवानी ने कैसे भरा यह सब लोकल 10 के कैमरे में कैद हुआ. जहां शूज खुद ही पैर से उतारा और पैर से पेन को पकड़कर फॉर्म भरना शुरू किया. ताजुब की बात थी इतनी सुंदर हैंडराइटिंग में भवानी ने फॉर्म भरा की, देखने वाले हैरान रह गए. इतना ही नहीं जब फार्म में फोटो लगाने का मौका आया. भवानी ने फेविकोल से बकायदा फोटो में गम लगाया. उसे फॉर्म में भी चिपकाया. भवानी ने सारा फॉर्म चंद मिनट में ही पैर से भर दिया.

पैर से चलाती है मोबाइल
भवानी अपने घर का सारा काम खुद ही करती हैं. चाहे खाना बनाना हो. चाहे झाड़ू लगाना या फिर बर्तनों को धोना. भवानी छोटे से लेकर बड़े काम के लिए अपनी मां की भी मदद नहीं लेती है. भवानी पैर से ही मोबाइल और लैपटॉप भी आसानी से चला लेती है. जिन्हें कोई भी परेशानी नहीं होती. भवानी का कहना है अपने दम पर खड़े होकर माता-पिता को खुशियां देने का वक्त आ गया है. अब मैं नौकरी की तलाश में हूं. मेरा सपना है प्रोफेसर बनू. गवर्नमेंट नौकरी कर अपने मां-बाप के सपनों को पूरा करूं.

सब हमारी सोच पर है निर्भर
भवानी का कहना है हार और जीत हमारी सोच पर निर्भर होती है. मान लिया तो हार और ठान लिया तो जीत होती है. मैंने आज तक जीवन में दोनों हाथ न होने के बावजूद भी हार नहीं मानी और अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ती रहीं. मां और पिता ने हमेशा ही मुझे मोटिवेट किया. हालांकि कुछ लोग डिमोटिवेट करने वाले भी मिले. मैंने अपना हौसला नहीं हारने दिया. भवानी ने कहां सभी में कुछ न कुछ कमी होती है. हमें अपने इरादे बुलंद रखना चाहिए.

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Source – News18