मन्नतों के बाद पैदा हुए खच्चर तो परिवार ने दे दी ग्रैंड पार्टी, नामकरण भी हुआ

मुरैना. आपको टीवी पर आने वाला मध्य प्रदेश का एक विज्ञापन तो याद ही होगा, जिसमें कहा जाता था, ‘एमपी गजब है’. यहां आए दिन अजब-गजब खबरें देखने और सुनने को मिलती हैं. इंसान के साथ-साथ आपने कुत्ते-बिल्ली, गोवंश, पालतू पक्षियों आदि के जन्म की खुशी मनाने की खबरें तो खूब सुनी होंगी लेकिन क्या आपने सुना है कि किसी परिवार ने खच्चरों के पैदा होने पर पार्टी रख दी हो. जाहिर है आपने नहीं सुना होगा लेकिन मध्य प्रदेश के मुरैना में ऐसा हुआ है. जिले के बानमोर कस्बे में रहने वाले एक परिवार ने अपनी घोड़ी के बच्चों (खच्चरों) का दस्टोन (जन्मोत्सव) धूमधाम से मनाया. उनका केक काटा गया और 300 से ज्यादा लोगों को दावत दी गई. घोड़ी के मालिक के ससुराल पक्ष से झूले, खिलौने व अन्य सामान भी भेजा गया.

मिली जानकारी के अनुसार, बानमोर की खदान रोड पर रहने वाले सुनील प्रजापति के परिवार के व्यवसाय में घोड़ों और खच्चर प्रयोग में लाए जाते हैं. उनके पास एक घोड़ा और घोड़ी है. सुनील ने बताया कि अप्रैल में घोड़ी ने दो बच्चों को जन्म दिया था. उन्होंने बेहट के काशी बाबा से इसको लेकर मन्नत मांगी थी और कहा था कि खच्चरों के सही-सलामत पैदा होने पर वह उनका दस्टोन धूमधाम से मनाएंगे. उनकी कामना पूरी हुई और फिर उन्होंने दस्टोन समारोह वैसे ही मनाया जैसे कि बच्चों का मनाया जाता है. दोनों खच्चरों का नामकरण भी हुआ. नर खच्चर का नाम भोला और मादा का नाम चांदनी रखा गया है.

अपने बच्चों का नहीं मनाया जन्मोत्सव

सुनील प्रजापति ने बताया कि उनकी ससुराल ग्वालियर में है. उनके ससुराल वाले इस उत्सव में झूला, खिलौने, साड़ी, पालना आदि सामान लेकर आए. सुनील ने बैंड-बाजे से उनका स्वागत किया. साथ ही दस्टोन समारोह में गांव के लोगों व रिश्तेदारों को भी बुलाया गया. इस जश्न में 300 से ज्यादा लोगों ने शिरकत की. सुनील ने कहा कि उन्होंने अपने बच्चों भावना, निखिल, नैंसी और वेद का जन्मोत्सव नहीं मनाया, इस वजह से कुछ लोग घोड़े के बच्चे का दस्टोन मनाए जाने को लेकर हैरत में पड़ गए. सुनील कहते हैं कि घर में पल रहे पशु भी परिवार का सदस्य होते हैं. हमें उनके साथ भी परिवार के सदस्यों की तरह व्यवहार करना चाहिए.

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Source – News18