ये आदमी तो जीनियस है….10वीं पास किसान ने कबाड़ से बना दी इलेक्ट्रिक कार

गणेश दुडम/पुणे. हर किसी का सपना होता है कि उसके पास एक चार पहिया कार हो…और वह उसमें घूमने जाए. एक किसान रोहिदास नवघाने का सपना था कि उनके पास एक विंटेज कार हो, लेकिन वह एक किसान परिवार से थे, मुश्किल से ही घर चलाता था, इसलिए एक विंटेज कार खरीदना तो दूर, एक साधारण साइकिल भी खरीदना संभव नहीं था. आख़िरकार उन्होंने अपना सपना पूरा कर लिया.

किसान रोहिदास नवघाने वडगांव मावला के जम्भुलवाड़ी में रहते हैं, जो नवघाणे तालुका का एक गांव है. निर्वाह कृषि ही उनकी उपजीविका का एकमात्र साधन है. रोहिदास नवघाने एक बार दिल्ली गये थे. तब वहां ई-रिक्शा देखा. इसके बाद जब वह घर आए तो उन्होंने एक ड्रीम विंटेज कार बनाने का फैसला किया. उन्होंने गांव के कबाड़ी की दुकान से कई सामान इकट्ठा कर कार का निर्माण किया. फिर कागज के एक टुकड़े पर अपनी सपनों की कार की तस्वीर बनाई और यहीं से नवघाने की कार बनाने की यात्रा शुरू हुई. रोहिदास नवघाने कोई इंजीनियर नहीं हैं, वे सिर्फ 10वीं पास किसान हैं. लेकिन उन्होंने अपने भाई, बच्चों और दोस्त की मदद से महज डेढ़ महीने में यह कार बना ली. इस कार को बनाने में नवघने का सिर्फ डेढ़ लाख का खर्च आया.

बैटरी से चलती है कार
जुगाड़ से बनाई गई इस लाल रंग की कार को लेकर बाहर निकलने पर लोग कार रोककर तस्वीरें लेने के लिए कहते हैं. यह कार बैटरी से चलने वाली है और इसमें पांच बैटरियां लगाई गई हैं, तो कार 100 किलोमीटर तक आराम से चलती है. कार को चार्ज करने में महज 5 से 6 घंटे का समय लगता है, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई मेक इन इंडिया और ई-कार की अवधारणा को मावल के किसान रोहिदास नवघाने ने साकार किया है.

पूरे पुणे में हो रही चर्चा
दशहरे के मौके पर रोहिदास नवघने ने कार की विधिवत पूजा कर उसे सड़क पर उतारा. बचपन का सपना पूरा होने से किसान रोहिदास नवघाने की खुशी आसमान छू रही है. नवघाने परिवार को लग रहा है कि खुद के बनाए चार पहिया वाहन में सफर करने का मजा ही अलग है. फिलहाल इस कार की चर्चा पूरे पुणे जिले में है. यह मावल तालुका में है. सड़क पर कार लेकर चलने वाले इस किसानने संत तुकोबा के दर्शन करने का विकल्प चुना और इस कार से लोनावला में कार्ला गड पार किया.

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Source – News18