रात के 3 बजे… हॉस्टल से एक साथ भाग गईं 55 लड़कियां, वार्डन के उड़े होश, वजह कर देगी हैरान

गुलशन कश्यप/जमुई: जिले के कस्तूरबा बालिका छात्रावास से 55 छात्राएं एक साथ भाग निकलीं. देर रात 3 बजे छात्राओं ने चुपके से हॉस्टल का मेन गेट खोला और धीरे-धीरे निकलकर सब अपने घर चली गईं. मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया. इस आवासीय विद्यालय की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान उठने लगे.

दरअसल, यह पूरा मामला हॉस्टल में दिए जाने वाले भोजन से जुड़ा है. छात्राओं ने आरोप लगाया है कि हॉस्टल में भरपेट भोजन नहीं मिलता तथा एक वक्त का ही खाना दिया जाता है. इस कारण भूखे रहने से बेहतर घर चले जाना उचित समझते हुए उन्होंने ये कदम उठाया और देर रात 3 बजे के करीब वार्डन के कमरे में जाकर चाभी चुराई तथा हॉस्टल का मेन गेट खोला और भाग निकलीं.

सुबह चार बजे वार्डन को पता चला
पूरा मामला जमुई जिला के सोनो प्रखंड स्थित कस्तूरबा बालिका छात्रावास टाइप-4 से जुड़ा है, जहां 55 छात्राएं रहती हैं. सभी करीब देर रात 3 बजे हॉस्टल से भाग निकलीं. सुबह 4 बजे जब वार्डन की नींद खुली तब उसने हॉस्टल गार्ड को जगाया और बच्चियों की खोज करने मेन रोड पर निकल पड़ी. इसके बाद 55 में से तीन छात्राओं को उसी वक्त वापस ले आया गया. बाकी छात्राओं को वापस लाने के लिए सबके घरों में फोन किया जा रहा है.

एक टाइम का ही मिलता है खाना
छात्रा सोनाली कुमारी, खुशबू कुमारी, सलोनी किस्कू, रिंकू मुर्मू, प्रतिमा हेंब्रम सहित अन्य ने बताया कि हॉस्टल में खाना नहीं मिलता है और ऐसा बार-बार हो रहा था. हमें एक वक्त का ही खाना मिलता है. दोपहर में 1:30 बजे हम लोगों को खाना दिया गया तथा रात में उसके बाद खाना ही नहीं मिला. छात्राओं ने आरोप लगाया कि जो खाना बनाया जाता है, उसमें न तो शुद्धता होती है और न ही गुणवत्ता का ख्याल रखा जाता है. ऐसे में हमारी स्थिति खराब हो रही थी. छात्राओं को खाना बनाने के लिए भी कहा जाता है. परीक्षा नजदीक है, पढ़ाई करें या खाना बनाएं, इसलिए निर्णय लिया कि वापस अपने घर जाकर ही पढ़ाई करें.

दुकानदार का बिल बकाया, नहीं मिल रहा राशन
हॉस्टल की वार्डन गुड्डी कुमारी ने बताया कि सुबह उठी तो देखा कि छात्राएं अपने कमरों से गायब हैं. छात्रावास का गेट खुला था. उसी वक्त संचालक एवं अकाउंटेंट को फोन किया गया. लगातार संचालक से बात करने का भी प्रयास किया गया पर उन्होंने फोन नहीं उठाया. प्रभारी वार्डन ने बताया कि 10 दिन पहले ही उन्होंने यहां योगदान दिया है. अकाउंटेंट ब्रजेश कुमार ने बताया कि बीते 3 माह से दुकानदार का बकाया भुगतान नहीं किया गया है. दुकानदार उनसे बकाया मांगते हैं और उन्होंने अब सामान देने से भी मना कर दिया है. विद्यालय के खाते में राशि पड़ी है, लेकिन संचालक बिल पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं.

सुधारी जाएगी व्यवस्था
छात्रावास के संचालक तथा प्लस टू राज्य संपोषित उच्च विद्यालय सोनो के प्रभारी प्रशांत कुमार ने कहा है कि खाने में शिकायत मिलने की बात सामने आई है, जिसके बाद सभी छात्राएं अपने घर चली गईं. उन्हें वापस लाया जा रहा है. व्यवस्था में सुधार का प्रयास किया जाएगा.

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Source – News18