वॉशरूम के लिए पुरुष ड्राइवर से मांगनी पड़ती…, महिला ने कहा- बहुत शर्म आती है

नई दिल्ली. महिला ट्रेन चालकों को ड्यूटी के दौरान ‘वॉशरूम ब्रेक’ के लिए वॉकी-टॉकी से पुरुष लोको पायलट से इजाजत मांगनी पड़ती है. उन्होंने इस चलन को काफी ‘शर्मनाक और असुरक्षित’ बताते हुए विरोध किया है. एक महिला लोको पायलट ने रविवार को कहा, ‘यदि हमें वॉशरूम जाने के लिए हमें पुरुष लोको पायलट को बताना पड़ता है, जो स्टेशन मास्टर को सूचित करता है. फिर स्टेशन मास्टर इसे आगे नियंत्रण विभाग को बताता है, जो रेलगाड़ियों के संचालन का प्रबंधन करता है.’

महिला ने कहा, ‘ये सभी बातचीत रेंज के दर्जनों अन्य अधिकारियों तक भी वॉकी-टॉकी के माध्यम से पहुंचती है. स्टेशन पर हर जगह यह मैसेज पहुंच जाता है कि एक महिला लोको पायलट शौचालय जाना चाहती है.’ महिला चालकों ने कहा कि अनौपचारिक रूप से अपनाई गई यह मौजूदा प्रथा ‘शर्मनाक है और उनकी सुरक्षा से समझौता करने के समान है.’

उनके अनुसार, भारतीय रेलवे में कार्यरत 1700 से अधिक महिला ट्रेन चालकों में से 90 प्रतिशत सहायक लोको पायलट हैं, जो यात्री रेल या मालगाड़ियों के पुरुष लोको पायलट के सहायक के रूप में काम करती हैं. एक अन्य महिला लोको पायलट ने बताया, ‘एक बार जब मैं एक मालगाड़ी पर पुरुष चालक के साथ ड्यूटी पर थी तो मुझे इस कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ा. एक यात्री ट्रेन में कोई चालक किसी भी डिब्बे में शौचालय जा सकता है, लेकिन मालगाड़ी के मामले में आपको स्टेशन पर उतरना होगा.’

महिला ने दावा किया कि उस समय जब वह इंजन से बाहर निकलीं और स्टेशन पर आईं तो कुछ अधिकारी, जो वॉकी-टॉकी संदेशों के माध्यम से पहले से इस अनुरोध के बारे में जानते थे, उन्हें देख रहे थे और उन्हें बहुत असहज महसूस हुआ. कई महिला लोको पायलट ने कहा कि छोटे स्टेशनों के शौचालयों का उपयोग करने के लिए इंजन से बाहर निकलना भी उनके लिए असुरक्षित है, जो आमतौर पर सुनसान इलाकों में स्थित होते हैं.

‘नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन’ (एनएफआईआर) के सहायक महासचिव अशोक शर्मा ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में सैकड़ों नई लड़कियां ट्रेन चालक के पेशे में आई हैं और चूंकि वे इन चुनौतियों से अनजान थीं, इसलिए अब वे तनाव में हैं. उनमें से कई लोग अपनी ड्यूटी शुरू होने से पहले पानी पीने से बचती हैं और यहां तक कि ड्यूटी के दौरान भी वे किसी भी तरल पदार्थ का सेवन करने से परहेज करती हैं. इससे निर्जलीकरण की समस्या होती है और उनमें जीवनशैली से जुड़ी कई अन्य बीमारियां हो जाती हैं. ऐसे में महिला लोको पायलट की स्थिति बेहद दयनीय है.’

कई महिला लोको पायलट ने कहा कि इस बार गर्मी शुरू होने के बाद से कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें महिला गार्ड और चालक ड्यूटी के घंटों के दौरान बेहोश हो गईं, क्योंकि तापमान अधिक होने के बावजूद वे बिना पानी पीये ड्यूटी करती रहीं.

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Source – News18