शिक्षक का कमाल; पुणे में उगा दिया हिमालय का फल, 15 महीने में तैयार हो गई फसल

News Desk: पुणे के एक रिटायर्ड शिक्षक ने किसानी में अनोखा प्रयोग कर दिखाया है. कृषि की आधुनिक तकनीक की मदद से शिक्षक ने पुणे में हिमालयी फल उगा दिया है. यूं तो सेब के लिए जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश हर किसी को याद है. लेकिन, अब ये सेब पुणे के इंदापुर तालुका में भी उग रहे हैं. सनसर के किसान और रिटायर्ड शिक्षक प्रभाकर खरात ने सेब की खेती की है.

प्रभाकर खरात एक सेवानिवृत्त शिक्षक हैं. सेवानिवृत्ति के बाद से वह खेती कर रहे हैं. खरात ने अपनी खेती में एक अलग प्रयोग करने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने दार्जिलिंग से सेब के पौधे मंगवाए. इन पौधों को रोपने के मात्र 15 से 19 महीने में ही उन्होंने सेब की पहली फसल सफलतापूर्वक प्राप्त कर ली. प्रभाकर का बेटा किशोर घूमने के लिए जम्मू-कश्मीर गया था. तभी उसे वहां सेब के बगीचे दिखे.

बेटे ने कश्मीर से सीखी खेती
इसके बाद किशोर ने इस बारे में विस्तार से जानकारी ली. पर्यावरण, औषधियों और इसकी खेती के बारे में उसने अपने पिता प्रभाकर खरात और भाई कालिदास को भी बताई.  इसके बाद खरात परिवार ने सेब की खेती शुरू करने का फैसला किया और दार्जिलिंग से पौधे मंगवाए. उन्होंने 10 गुंटा में सेब के पौधे लगाए. इसके बाद उन्हें कई चीजों का ध्यान रखना पड़ा. उनका पूरा परिवार मिलकर खेती का काम करता है.

4 साल से कर रहे खेती
खरात ने पहली बार सेब के 10 गुंटा पर सफल प्रयोग किया, इसलिए इस खेती की चर्चा हर जगह हो रही है. फिर उसने दोबारा सेब के 10 गुंटा लगाए. वह 4 साल से सेब की खेती कर रहे हैं. खास बात यह कि इस फल उद्यान के लिए उन्होंने किसी भी तरह के रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल नहीं किया. प्रभाकर खरात बताते हैं कि इस खेती में बड़ी मात्रा में निवेश करना पड़ता है. साथ ही इस खेती को करते समय सभी बातों का ध्यान रखना पड़ता है. सेब की खेती जम्मू-कश्मीर के अलावा अन्य जगहों पर भी की जा सकती है, सेवानिवृत्त शिक्षक प्रभाकर खरात ने यह संदेश दूसरे किसानों को दिया है.

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Source – News18