साइंस कहती है मरने से पहले फूटता है तारा, पर एक तारे की चुपके से हुई मौत

विशाल तारे का अंत एक शानदार सुपरनोवा के साथ होता. इसी विस्फोट के साथ अंतरिक्ष में उनके अवशेष ही बचते हैं. वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि कुछ बड़े तारे अभी-अभी खत्म हुए हैं, और आकाश में उनका विस्फोट हुए बिना ही कोई निशान नहीं बचा है. यह हैरानी की बात है कि आखिर तारों का अंत बिना सुपरनोवा के कैसे हो सकता है?

जर्मनी में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोफिजिक्स और डेनमार्क में नील्स बोह्र इंस्टीट्यूट के खगोलशास्त्री एलेजांद्रो विग्ना-गोमेज़ के निर्देशन में एक टीम को फिजिकल रिव्यू लेटर्स में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि कुछ बड़े सितारे बड़े पैमाने पर विस्फोट के साथ नहीं बल्कि चुपचाप मर जाते हैं.

उन्होंने वीएफटीएस 243 की खोज की, जो बड़े मैगेलैनिक बादल में एक बाइनरी सिस्टम है. इसमें एक ब्लैक होल और एक साथी तारा शामिल है. वर्तमान सिद्धांत तो यही बताते हैं कि ब्लैक होल का जन्म सुपरनोवा विस्फोट से पहले होना चाहिए था, फिर भी यह सिस्टम ऐसा कुछ भी नहीं दिखा रहा है.

खगोलविदों ने वास्तव में हाल के दिनों में चमकीले चमकते सितारों के अचानक गायब होते हुए देखा है. वीएफटीएस 243 के विश्लेषण से जो नतीजे मिले हैं, वे इसके बारे में साफ तौर पर जानकारी देते दिख रहे हैं. जब सूर्य से लगभग 8 गुना अधिक भार वाला कोई तारा सुपरनोवा में चला जाता है, तो नतीजे बहुत अराजक होते हैं. एक ब्लैक होल, न्यूट्रॉन स्टार या बहुत ही घनी वस्तु तब बनती है जब किसी तारे का कोर गुरुत्वाकर्षण के कारण ढह जाता है, जो प्रारंभिक तारे के भार पर निर्भर करता है.

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तारे के अंत की कहानी में एक और नया पहलू जुड़ गया है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Shutterstock)

वीएफटीएस 243 सिस्टम काफी दिलचस्प है. यह एक विशाल तारे से बना है जो सूर्य के भार का लगभग 25 गुना और 74 लाख साल पुराना है, साथ ही एक ब्लैक होल से बना है जो तारे से करीब 10 गुना बड़ा है.

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आंकड़े इस ओर इशारा करते हैं कि विशाल तारे कभी-कभी सुपरनोवा से गुजरे बिना सीधे ब्लैक होल में गिर सकते हैं. इसका सबसे मजबूत सबूत वीएफटीएस 243 में पाया गया है. देखना यह है  कि क्या यह एक अपवाद की घटना मानी जाती है कि या फिर वैज्ञानिक तारों के अंत कि परिभाषा में कुछ सुधार करेंगे.

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Source – News18