UP का अनोखा डॉक्टर… नवजात शिशुओं के कान में ‘राम’ नाम का जाप कर करते हैं स्व

बरेली: कहा जाता है कि नवजात शिशु के कान में बोला गया पहला शब्द उसके जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है और उसे जीवनभर याद रहता है. इसी विश्वास के साथ, बरेली के एक डॉक्टर ने नवजात शिशुओं के कान में “राम” नाम का जाप करने की परंपरा शुरू की है. यह डॉक्टर, डॉ. बृजेश यादव, नवजात शिशुओं का स्वागत करते समय उनके कान में भगवान राम का नाम लेकर उनका धरती पर स्वागत करते हैं. इस प्रक्रिया का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें डॉ. यादव को शिशु को गोद में लेकर राम नाम का जाप करते हुए देखा जा सकता है.

डॉ. बृजेश यादव पिछले आठ वर्षों से इस अनूठी परंपरा का पालन कर रहे हैं. बरेली में अपना निजी अस्पताल चलाने वाले डॉ. यादव, रामचरितमानस का नियमित पाठ करते हैं, जो उन्होंने अपने पिताजी से सीखा है. जब भी कोई नवजात उनके अस्पताल में जन्म लेता है, डॉ. यादव शिशु के माता-पिता की सहमति से उनके कान में राम नाम का उच्चारण करते हैं.

राम नाम का जाप
डॉ. बृजेश यादव ने लोकल 18 के साथ एक खास बातचीत में बताया कि राम नाम में एक अद्भुत ऊर्जा होती है. उनका मानना है कि यदि जन्म के समय ही बच्चों के कान में राम का नाम बोला जाए, तो वे ऊर्जावान और मर्यादित नागरिक बन सकते हैं. डॉ. यादव बताते हैं कि उन्होंने अपने पिता के साथ मिलकर रामचरितमानस का पाठ किया है, और यह परंपरा उन्होंने नवजात शिशुओं के साथ साझा करने की प्रेरणा दी है. उन्होंने यह भी कहा कि जिन बच्चों के कान में उन्होंने राम नाम का जाप किया है, वे सभी बच्चे जीवन में सफलता की ओर बढ़ रहे हैं.

इसके पीछे का उद्देश्य क्या है?
डॉ. यादव का उद्देश्य नवजात शिशुओं के कान में रामचरितमानस का पाठ कर, उनके मस्तिष्क में प्रभु श्री राम का चरित्र स्थापित करना है. उनका मानना है कि जब शिशु छह महीने का होता है, तो उसकी सुनने की क्षमता विकसित हो जाती है, और जो कुछ भी वह सुनता है, वह उसे अपने जीवन में लागू करता है. वे इस बात पर जोर देते हैं कि जैसे महाभारत के अभिमन्यु ने अपनी माँ सुभद्रा के गर्भ में रहते हुए चक्रव्यूह तोड़ने की कला सीखी थी, वैसे ही गर्भ में राम नाम सुनने से बच्चे का जीवन भी अच्छे पथ पर चल सकता है.

इसका बच्चों की ज़िन्दगी पर क्या असर पड़ता है?
डॉ. यादव मानते हैं कि श्री राम का नाम नवजात शिशुओं के मस्तिष्क में स्थापित करने से वे ऊर्जावान और अलौकिक प्रतिभा के धनी बन सकते हैं. उनका दावा है कि श्री रामचंद्र जी का नाम सुनकर बड़े होने वाले बच्चे विद्वान और चरित्रवान बनते हैं. डॉ. यादव इस सनातनी परंपरा का प्रचार-प्रसार करते हुए नवजात शिशुओं के कान में राम नाम की ध्वनि भरते हैं, जिससे उनके मानसिक और मनोवैज्ञानिक विकास में मदद मिलती है.

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Source – News18